Ujdaa ghar tatha do bahnen

Tagore, Rabindranath

ISBN 10: 9367938276 ISBN 13: 9789367938270
Verlag: Prabhakar Prakashan Private Limited, 2025
Neu Hardcover

Verkäufer Majestic Books, Hounslow, Vereinigtes Königreich Verkäuferbewertung 4 von 5 Sternen 4 Sterne, Erfahren Sie mehr über Verkäufer-Bewertungen

AbeBooks-Verkäufer seit 19. Januar 2007


Beschreibung

Beschreibung:

Print on Demand. Bestandsnummer des Verkäufers 408133786

Diesen Artikel melden

Inhaltsangabe:

बहुत दिनों तक बंधन में रहने के बाद एकाएक उससे मुक्ति पाकर यद्यपि ऊर्मि अपने-आप में खो गई थी, अपने को भूल गई थी, फिर भी कभी-कभी एकाएक उसे अपने जीवन की कठिन ज़िम्मेदारी याद आ जाती। वह तो आज़ाद नहीं है, वह तो अपनी प्रतिज्ञा के साथ बँधी हुई है। उस प्रतिज्ञा ने उसे जिस एक विशेष व्यक्ति के साथ बाँध रखा है, उसी का अंकुश उसके ऊपर है, उसके दैनिक कर्तव्य के ठीक-ग़लत को उसी ने तय कर दिया है। उसके विचार पर सदा के लिए उसी का अधिकार हो चुका है, इस बात से भी ऊर्मि किसी प्रकार इंकार नहीं कर सकती। जब नीरद उपस्थित था तब स्वीकार करना सरल था, वह मन में बल का अनुभव करती थी। इस समय उसकी इच्छा बिल्कुल ही उल्टी हो गई है। उधर कर्तव्य-बुद्धि भी चोट करती है। कर्तव्य-बुद्धि की मनमानी से ही मन और ख़राब हो गया है। अपना अपराध क्षमा करना कठिन हो जाने से ही अपराध को ठौर मिल गया है। अपनी वेदना पर अफीम का लेप चढ़ाने, उसे भूलने के लिए ही शशांक के साथ हँसी-खेल और मन-बहलाव में सदा अपने को भुलाए रखने की कोशिश करती है। कहती है, "जब समय आएगा तब अपने-आप ही सब ठीक हो जाएगा। अभी जब तक छुट्टी है, उन सब बातों को रहने दो।" फिर किसी-किसी दिन एकाएक अपने दिमाग़ को झकझोर उठ खड़ी होती और कॉपी-किताब ट्रक से बाहर निकालकर उसमें मन लगाने की कोशिश करती। तब फिर शशांक की पारी आ जाती। पुस्तक आदि छीनकर वह बक्स में बंद कर देता और उसी बक्स पर स्वयं बैठ जाता। ऊर्मि कहती, "शशांक दा, यह बड़ा अन्याय है। मेरा समय बर्बाद न कीजिए।"" - इसी पुस्तक से

„Über diesen Titel“ kann sich auf eine andere Ausgabe dieses Titels beziehen.

Bibliografische Details

Titel: Ujdaa ghar tatha do bahnen
Verlag: Prabhakar Prakashan Private Limited
Erscheinungsdatum: 2025
Einband: Hardcover
Zustand: New

Beste Suchergebnisse beim ZVAB

Beispielbild für diese ISBN

Tagore, Rabindranath
ISBN 10: 9367938276 ISBN 13: 9789367938270
Neu Hardcover

Anbieter: Revaluation Books, Exeter, Vereinigtes Königreich

Verkäuferbewertung 5 von 5 Sternen 5 Sterne, Erfahren Sie mehr über Verkäufer-Bewertungen

Zustand: Brand New. In Stock. Artikel-Nr. x-9367938276

Verkäufer kontaktieren

Neu kaufen

EUR 41,98
Versand: EUR 14,22
Von Vereinigtes Königreich nach USA

Anzahl: 2 verfügbar

In den Warenkorb